बिशनामल स्कूल कालंावाली में हुआ हिंदु शिक्षा समिति का तीन दिवसीय कार्यक्रम
कार्यक्रम में शिशु वाटिका के अध्यापकों को 12 व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया
कालांवाली।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान एवं हिंदू शिक्षा समिति द्वारा संचालित बिशनामल जैन सरस्वती विद्या मंदिर कालांवाली में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हिंदू शिक्षा समिति हरियाणा के प्रांतीय शिशु वाटिका प्रमुख कुरूक्षेत्र से पूर्णकालीन कार्यकत्र्ता सोम दत्त का डबवाली में प्रवास रहा। शिशु के समग्र विकास के उद्देश्यों के आलोक में उन्होंने बच्चों की क्षमताओं का विभिन्न प्रकार का विकास, अन्नमय कोश, शारीरिक क्षमताएं, प्राणमय कोश, प्राणिक क्षमताएं, मनोंमय कोश, मानसिक क्षमताएं आदि पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त भारतीय संस्कृति, सदगुण एवं संस्कारयुक्त शिक्षा, सांस्कृतिक शिक्षा, चारित्रिक शिक्षा, महापुरुषों की जीवनी आदि से जोड़कर बच्चों की शिक्षा करवाई जानी चाहिए।
पहले दिन शिशु वाटिका गंगा में प्रबंधक सुभाष और बहन दीपिका के साथ आचार्य-दीदियों से चर्चा की। दूसरे दिन शिशु वाटिका डबवाली में प्रबंधक सुनील जिंदल और बहन मोनिका के साथ आचार्य दीदियों से चर्चा की। तीसरे दिन कालांवाली विद्यालय में प्रवास रहा। बिशना मल जैन सरस्वती विद्या मंदिर में शिशु वाटिका प्रमुख सोमदत्त जी ने शिशु वाटिका के अध्यापकों को 12 व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया व समझाया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ये 12 प्रकार की व्यवस्थाएं करवाना हर विद्यालय के लिए जरूरी है। प्रबंध समिति के सदस्यों, प्रधानाचार्य संजीव कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य सुरेश कुमार ,दीपिका ,मोनिका और सभी शिशु वाटिका के अध्यापकों ने सोमदत्त का धन्यवाद व आभार जताया।
फोटो- 3 कालांवाली। कार्यक्रम के दौरान शिशु वाटिका के अध्यापकों को विस्तारपूर्वक जानकारी देते